नयी दिल्ली : गन्ने का रस स्वाद में मीठा और स्वादिष्ट होता है, जो भारत के अलावा अफ्रीकी और एशियाई देशों में बहुत लोकप्रिय है। प्राकृतिक होने के अलावा यह सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचा सकता है। इसका उपयोग कई संस्कृतियों में लीवर, किडनी और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया गया है। गन्ने का रस स्वादिष्ट होता है, क्या मधुमेह रोगी पी सकते हैं? आइए जानें कि गन्ना उनके लिए कितना सुरक्षित हो सकता है।
इसे आमतौर पर नींबू के रस के साथ पिया जाता है, जिससे खासकर गर्मी के मौसम में काफी राहत मिलती है। इसमें 70-75% पानी, 10-15% फाइबर और 13-15% चीनी होती है।
क्योंकि गन्ने का रस संसाधित नहीं होता है, यह फेनोलिक और फ्लेवॉयड एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। इन एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी के कारण इसे हेल्दी माना जाता है। इसमें पोटैशियम भी होता है, जो अपने हाइड्रेटिंग गुणों के लिए जाना जाता है।
गन्ने के रस में चीनी की मात्रा कितनी होती है?
गन्ने में कई पोषक तत्व होते हैं, लेकिन इसमें चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अधिक होती है।
एक कप यानी 240 मिली गन्ने के रस में:
कैलोरी: 183
प्रोटीन: 0 ग्राम
मोटा: 0
चीनी : 50 ग्राम
फाइबर: 0–13 ग्राम
एक कप रस में 50 ग्राम चीनी होती है, जो 12 चम्मच के बराबर होती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, पुरुषों को एक दिन में 9 चम्मच से ज्यादा और महिलाओं को 6 चम्मच से ज्यादा चीनी खाने से बचना चाहिए।
अगर आपको मधुमेह है तो क्या आपको गन्ने का रस पीना चाहिए?
जिस तरह मधुमेह में मीठे पेय पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, उसी तरह गन्ने के रस से दूर रहने में ही भलाई है। इसमें मौजूद शुगर की मात्रा आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। तो इसे मत पीओ।
गन्ने का रस पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन इसमें चीनी भी अधिक होती है, जो मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। बिना चीनी वाली चाय, कॉफी या अन्य पेय पदार्थ पीना बेहतर है।